दुनिया का सबसे बड़ा पक्षी

दुनिया में कई प्रकार के विभिन्न पक्षी मौजूद है. हर एक की अलग अलग विशेषता है. कोई तेज उडान भरने में माहिर है तो कोई बढ़िया तैराक है. इन सब में एक पक्षी मेरा ध्यान अपनी और खिचता है जीसे कहते है चतुरमृग. चतुरमृग दुनिया में सबसे बड़ा पक्षी है. हालाकि चतुरमृग अपनी उड़ने की क्षमता खो चूका है. लेकिन भगवान ने उसे और एक अनमोल तोहफा दिया है और वो है उसकी दौड़ने की ताकद. चतुरमृग बहुत ही तेजीसे भाग सकता है और उसके पैर बहुत ही मजबूत होते है. ऐसा कहा जाता है की चतुरमृग की एक लाथ घोड़े का पैर भी तोड़ सकती है.

    

खतरा महसूस होने पर चतुरमृग तेजीसे दौड़ता है और हमला कर देता है. चतुरमृग अपने अंडे जमीन पर ही देता है. कई बार एक मादा दुसरे मादा के अन्डो के बीच उसके अंडे रख देती है, लेकिन इस पक्षी एक और विशेषता है की ये पक्षी बहुत सारे अन्डो में से खुद के अंडे आसानी से पहचान सकता है. मादा सूँघकर उसके अंडे अलग करती है और दुसरे मादा के अंडे  लुढ़काकर दूर कर देती है.दौड़ने में माहिर ये पक्षी ज्यादातर अफ़्रीकी देशोमे और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है. वाकई ये धरती अनोखे प्राणियों और पक्षियों से भरी पड़ी है.

अनोखी वसुंधरा


विज्ञान हमें आधुनिकता की ओर ले जाता है तथा इसी विज्ञान के जोर पर हम इंसानो ने काफी तरक्की की है । इसी विज्ञान के भरोसे हमने इस ब्रम्हांड का सच जानने की कोशिश कि । हम सभी को पता हे कि कई सारे वैज्ञानिक इस ब्रम्हांड की खोज करते आ रहे हैं , इसी कड़ी में एक शोध है हमारी ही जैसी किसी और सृष्टि की जानकारी हासिल करना तथा इस ब्रम्हांड में मौजूद किसी ऐसे ग्रह को खोज निकालना कि जिस पर सजीव सृष्टि की संभावना हो।  हम सभी जानते हैं कि पुरे ब्रम्हांड में कई सारे ग्रह तथा तारे मौजूदा हैं। हमें पता हे कि पृथ्वी पर जीवन मौजूद है उसी प्रकार इस पूरे ब्रम्हांड में कई ऐसे ग्रह मौजूद होंगे जीन पर सृष्टी या फिर यूं कहिए जीवन मोह युद्ध इसी को खोज निकालने में दुनिया के बहुत सारे वैज्ञानिक जुटे हुए हैं उसमें से अमेरिका की नासा तथा भारत से इसरो के लोग कई सारे वैज्ञानिक उपकरण से अन्य सृष्टि की खोज में जुटे हुए है, लेकिन आज तक किसी भी संस्था को या फिर वैज्ञानिकों को बाहरी ब्रहमांड में जीवन के अस्तित्व की जानकारी हासिल नहीं हो पाई है. हमने कई सारे अंतरिक्ष यान आकाश में भेजे हैं जो अब तक किसी भी जगह से जीवन की संभावना नहीं बता पाए है. ऐसा नहीं है कि इस पूरे ब्रहमांड में कहीं पे भी जीवन का अस्तित्व ना हो, लेकिन अब तक के संशोधन में यही पाया गया है कि हमें ऐसे किसी भी ग्रह की जानकारी नहीं है कि जिस पर जीवन मौजूद हो. तो इसका एक बहुत बड़ा मतलब निकलता है और वह यह है कि हमारी प्रथ्वी सूर्य ब्रहमांड में एक बहुत ही अनोखी एवम बहुमूल्य है. इस धरती पर सजीव और निर्जीव एक साथ रहते हैं और इसी पृथ्वी पर जीवन बनता है. हमारी सृष्टि भगवान ने हमें दिया हुआ एक बहुत ही अनमोल तोहफा है, लेकिन अगर ठीक से देखें तो आज हमें इस पृथ्वी पर गंदगी प्रदूषण और अन्य कई सारी चीजें नजर आती है. आज हमें पता हे कि हमारे समाज में बहुत सारी परेशानियां मौजूद है जैसे कि कई जगहों पर अकाल पड़ा हुआ है कई सारे मुल्कों में गरीबी है, गरीब लोगों को दो वक्त की रोटी नसीब नहीं हो रही है. कई जगह पर जात पात तथा धर्म भेद हे. इन सारी कठिनाइयों में से भी एक कठिनाई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और वह है प्रदूषण की समस्या. पर्यावरण प्रदूषण एक ऐसी बीमारी है कि जो धीरे-धीरे बढ़ती है और अगर उस पर ठीक से काम नहीं किया जाएं तो पूरी कायनात पर इसका असर पड़ने वाला है. प्रदूषण की समस्या बहुत ही जटिल है और जिसका समाधान ढूंढना बहुत ही मुश्किल तथा खर्चीला काम है. वैज्ञानिक नजरिये से देखा जाए तो इस पृथ्वी पर तीन तरह के प्रदूषण मौजूद है, पहला तो है वायु प्रदूषण यानी हवा प्रदूषण, दूसरा है पानी का प्रदूषण यानी जल प्रदूषण और तीसरा है मिटटी का प्रदूषण. अब हम अगले अंक में इस पर्यावरणीय समस्या के बारे में और जानकारी लेंगे, तथा देखेंगे कि यह प्रदूषण किस कारण होता है, कौन-कौन से पदार्थ किस तरह प्रदुषण को बढ़ाते हैं, कौन कौन सी चीजें हमें नहीं करनी चाहिए, इस प्रोब्लेम को हमें कैसे रोकना हे.
तब तक आप सभी वाचको का धन्यवाद्, ऐसेही मेरे ब्लॉग पर बने रहिये, नमस्कार!

तरक्की और इन्सान


आज इंसान ने काफी तरक्की की है, लेकिन हमें यह भी ध्यान देना चाहिए कि हमारी वजह से इस प्रकृति को बहुत सारा नुकसान हो रहा है प्रदूषण की समस्या दिन पे दिन बढ़ती ही जा रही है. प्रदूषण 3 तरह के होते हैं, पहला है हवा प्रदूषण दूसरा है जल प्रदूषण और तीसरा हे मिट्टी प्रदूषण.


प्रदूषण चाहे जिस किसी भी तरह क्यों ना हों, वह हमारे इंसानों के लिए बहुत ही खतरनाक है, न केवल हम इंसान बल्कि सभी जीवित प्राणी इस प्रदूषण के कारण मुसीबत में है. अगर हमने अभी से इस प्रदूषण को कम करने की या फिर किसी तरह बंद करने की कोशिश नहीं की तो भविष्य में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. अगर आज जैसी स्थिति हमेशा बनी रहती है तो भविष्य में यह धरती रहने योग्य नहीं रह सकती इसलिए यह हमारा कर्तव्य है कि हम प्रदूषण को जड़ से हटा दे.
इसके लिए सबसे पहले हमें बहुत सारे पेड़ लगाने होंगे. कमसे कम प्रदुषण हो इसका ध्यान रखना होगा. मोटर सायकिले और अन्य वाहनों का इस्तेमाल कम करना होगा. चाहे जो भी करना होगा हम करेंगे. हमारे अगले पीढ़ी का भविष्य हमारे हातो में है, उसे बर्बाद मत कीजिये.

जलो रे भाई जलो

जलन एक सामान्य बीमारी है. भारत में जलन लगभग हर इन्सान में देखि जा सकती है. भारत के इतिहास को अगर गौर से देखे तो यह पता चलता है की जलने की सुरुवात बहुत ही पुरानी है. रामायण और महाभारत में भी कई ऐसे पात्र नजर आयेंगे जो एक दुसरे से जलते थे. आधुनिक मानव भी जलने की प्रक्रिया में एक कदम भी पीछे नहीं है. आज कल तो हर कोई एकदूसरे पे जलता है. जहा कही कुछ अच्छा हुआ नहीं की जलना शुरू. दुनिया में अगर जलने का वर्ल्ड रिकॉर्ड चेक किया जाये तो पहला नंबर मिलता है केजरीवाल साहब को, और अगर जिसपर लोग सबसे ज्यादा जलते है ऐसा महानुभाव ढूंढे तो वो श्रीमान है नमोजी मोदी. खैर जो भी हो मेरे इस बड़े ही रोचक और खुबसूरत लेख को पढ़कर वाचक जल सकते है, क्योंकि अरे भाई ठण्ड जो बढ़ने लगी है, थोड़ी गर्मी भी तो चाहिए!

इंजीनियरिंग डिग्री और भारत




भारत में इंजीनियरिंग एक काफी आम डिग्री बन चुकी है. हर घर में एक इंजीनियर आपको दिखाई देगा, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जब भारत में बहुत सारी कंपनियां शुरु हुई तब इंजीनियर्स की काफी बड़ी मात्रा में ज़रूरत बन गई. इसी जरूरत को पूरा करने के लिए कई सारे इंजीनियरिंग की कॉलेज शुरु हुए और आज हम देख सकते हैं कि कम से कम एक आदमी हर घर में इंजीनियर हो चुका हे या फिर पड़ रहा है. अब इसका नतीजा धीरे-धीरे नजर आने लगा हे, हर तरफ इंजीनियर्स ही इंजीनियर्स दिखाई दे रहे है. अनएंप्लॉयमेंट बहुत ज्यादा बढ़ गई है. एक दिन ऐसा आएगा कि इंजीनियर्स को जॉब मिला बहुत ही मुश्किल हो जाएगा और तब यह सारी इंजीनियरिंग की कॉलेजेस बंद हो जायेंगे.

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