औद्योगिक क्रांति के साथ दुनिया भर के तमाम लोंगो
और एक अनचाहा तोहफा मिला, और वह था प्रदुषण. जैसे जैसे औद्योगिक क्रांति की लहर
दुनियाभर में फ़ैली, प्रदुषण एक कैंसर की कोशिकाओं की तरह पुरे विश्व में फैला.
इसमें सबसे ऊपर था हवा प्रदुषण और साथ में था जल प्रदुषण. आज हम बात करेंगे हवा के
प्रदुषण के बारे में.
सबसे पहले हवा प्रदुषण हुवा बड़ी बड़ी औद्योगिक भट्टियो
के जरिये. लोहे के कारखाने, थर्मल पॉवर प्लांट्स, सीमेंट कारखाने इत्यादि इस हवा
को प्रदूषित करने में सबसे आगे थे. उसके बाद कई बार युद्ध हुए जिसमे गोला बारूद का
इस्तेमाल हुआ जो की हवा प्रदुषण को और बढ़ावा दे रहा था. फिर फोर्ड ने इंजन पर चलने
वाले गाड़ियों की खोज की जिससे मोटर साइकिल और चार पहिये की गाड़िया काफी इस्तेमाल
होने लगी. गाड़ियों से होने वाले प्रदुषण पर पहले कोई रोकथाम नहीं थी. लेकिन कुछ
वर्षों बाद एक बड़ी ही गड़बड़ हुई. यूरोप में एक दिन अचानक रात में सोये हुए कितने ही
लोग सुबह तक नीद में ही मर गए. सब लोग हैरान हुए तब पता चला की “स्मोग” फैलने की
वजह से वे लोग साँस नहीं ले पाए थे. ये स्मोग होता है इंजन से निकले हुए धुँआ और
हवा में मौजूद बाष्प का मिश्रण. बाद में उस जैसी कई और घटनाएँ दुनिया के अन्य
जगहों पर भी घटी, फिर जा के सबने मिलकर एक कायदा बनाया जिस के मुताबिक गाड़ियों में
लगने वाले इंजन पर कुछ प्रतिबन्ध लागु हुए. उसे ही हम आज यूरो नोर्म्स के नाम से
संबोधित करते है. इन कायदों से वहां से छोड़ें जाने वाले धुंवे की अधिकतम सीमा
निर्धारित की गयी. इस का नतीजा यह हुआ की हवा प्रदुषण फिर से अपने सामान्य रूप में
आ गया. लेकिन इसके बाद और एक घटना सामने आई. अब जब कायदा बना था तो एक मोटर वाहन
से होने वाले प्रदुषण पर तो नियन्त्रण आ गया लेकिन दुनिया भर में मोटर्स की संख्या
बड़ी तादाद में बढ़ी जिस वजह से सभी मोटर्स से निकलने वाले प्रदूषित वायु की मात्र बहुत
बढ़ गयी. यह एक ऐसी चुनोती थी की जिसका हल आज तक वैज्ञानिक ढूंड रहे है.
आज हम देखते है की हर जगह ट्रैफिक की समस्या है,
हर किसी के पास अपनी अपनी मोटर साइकिल है. जिस कारन हवा का प्रदुषण दिन पे दिन
बढ़ता ही जा रहा है. हवा प्रदुषण को रोकना अत्यंत ही जरुरी है. हम अब अगले लेख में
जानते है की हवा प्रदुषण के क्या परिणाम होते है. उम्मीद है आप सभी वाचको को मेरे
दिए गए इस जानकारी का अवश्य फायदा होगा. मिलते है अगली बार, तब तक के लिए
धन्यवाद्.
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