पिछले भाग में हमने देखा की प्रदुषण की समस्या
कैसे शुरू हुई, तथा हमने वायु प्रदुषण के बारे में थोड़ीसी जानकारी ली. आज हम यह
पता करने वाले है की वायु प्रदुषण में योगदान देने वाले जहरीले वायु कौनसे है तथा
उनका उगम स्थान क्या है.
वायु प्रदुषण में पहला वायु आता है कार्बन मोनॉक्साइड
CO, कार्बन मोनॉक्साइड एक बेहद जहरीला वायु है. यह तैयार होता है जब इंधन में
ऑक्सीजन की कमी होती है. ऑक्सीजन अगर जरुरत से कम मौजूद हो तो इंधन का कार्बन पूरी
तरह जल नहीं पता और कार्बन डाय ऑक्साइड CO2 के बदले कार्बन मोनॉक्साइड तैयार हो
जाता है. कार्बन मोनॉक्साइड जब शरीर में साँस के जरिये प्रवेश करता है तब ऑक्सीजन
को फेफड़ो से बाहर ढकेलता है और खुद खून में मिल जाता है, इस कारनवश खून में रहे
हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के बजाय कार्बन मोनॉक्साइड को शरीर के कोशिकाओं तक पहुचाते है
और ऑक्सीजन के कमी से आदमी मर जाता है.
सबसे पहले तो ऑक्सीजन के कमी के कारन दिमाग काम
करना बंद हो जाता है और उसके बाद शरीर हर अवयव रुक जाता है. थोड़े ही देर में मौत
हो जाती है. यह इतना जहरीला वायु कही भी तैयार हो सकता है जहा इंधन को जलने के लिए
पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त हवा ना हो. कार्बन मोनॉक्साइड सबसे ज्यादा
तैयार होता है घर में बसे चूल्हों में. इसका कारन है चूल्हों की बनावट. भारत में
तो घर की महिलाये चूल्हा खुद तैयार करती है, जो की अवैज्ञानिक तरीके से बना होता
है. जिस कारन खाना बनाते वक़्त लकडियो को जलने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन
नहीं मिलती. इसी कारण चूल्हे से बहुत सारा धुँआ निकलता है की जो दरअसल कार्बन मोनॉक्साइड
होता है.
थर्मल पॉवर प्लांट से भी काफी भारी मात्रा में कार्बन
मोनॉक्साइड हवा में छोड़ा जाता है. इसलिए इंजिनियरस को भट्टी का डिजाईन बनाते वक़्त
काफी होशियारी दिखानी पड़ती है की जिससे भट्टी निरंतर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन
वाली फ्रेश हवा मिलती रहे. थर्मल पॉवर प्लांट के साथ ही हवाई जहाज भी कार्बन मोनॉक्साइड
के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होते है. कार्बन मोनॉक्साइड को कम करने का एक ही सरल
उपाय है जो है ऑक्सीजन युक्त हवा की बड़ी तादाद में उपलब्धता.
उम्मीद आप सभी को यह लेख पसंद आया होगा. तो फिर
मिलते है अगले लेख में जहा में आप सभीका परिचय अन्य विषैले वायुओ से करूँगा.
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