गधा


गधा आप सभी को मालूम ही होगा. हमारे ऑफिस में भी गधे भरे पड़े है. गधे हमेशा ही यहाँ वहा घूमते रहते है. वैसे देखा जाये तो गधा एक अत्यंत ही सीधा साधा एवं गरीब प्राणी है. जो भी उसका मालिक उसे करने को कहे वह चुपचाप बिना किसी नाराजगी से करता है. पर पता नहीं गधा शब्द का उपयोग इंसानी स्वभाव दर्शाने में कब से और क्यों होने लगा. कभी कभी तो मुझे लगता है की इंसानों से तो गधे अच्छे है, गधे तो एक मूक प्राणी है लेकिन हम इन्सान बड़े ही चतुर और नालायक होते है. हर चीज में अपना फायदा देखते है. जो भी कुछ अच्छा करने जाये उसके काम में टांग अडाते है. कुछ कुछ इन्सान तो फोकट की तनख्वाह लेते है. हमारे ऑफिस में ऐसे निकम्में गधे बहुतायत में देखे जा सकते है. दिनभर एक दुसरे का मजाक करना, बॉस को उल्टा सीधा बोलना, हर काम में गड़बड़ी करना, कभी भी कोई कम ठीक समय पे ना करना इत्यादि गुण उन लोगो में ठुस ठूस के भरे है.




दिनभर ये लोग गढ़ापन्ति करते निकालते है, और महीने की आखिर में तनख्वाह होने की राह देखते रहते है. कभी भी कुछ नया सिखने की कोशिश नहीं करते, उल्टा कुछ नया सिखने से उन्हें ये डर लगा रहता है की उससे उन्हें ज्यादा काम तो ना मिले. क्योंकि एक बार वो काम सीखने के बाद बॉस बार बार उसे ही वो काम बताएगा ऐसी उन्हें चिंता होती है और इसीलिए गधे नया काम कभी भी नहीं सीखते. ऑफिस में या कही और कम की जगह दो गधे आपस से मिल जाये तो फिर सोचो ही मत. दोनों मिलके गधे के बाप को भी नहीं हो सकेगा ऐसा गधापन करते है. कुछ गधे तो कम करते वक़्त उस कम को बिगाड देते है ताकि बॉस उसे फिर से वो काम ना दे. मेरा ये लेख जब भी कोई गधा पढ़ेगा, मुझे जरुर गालिया देगा उसके लिए मेरी तरफ से उसने दी हुई और मेरी तरफ से उतनी ही गालिया सप्रेम भेट. same to you, आखिर गधे हमेशा गधे ही तो रहेंगे.

इन्टरनेट और बच्चे


इन्टरनेट के बिना दुनिया? अरे भाई ये अब हम सोच भी नहीं सकते. पहले के ज़माने में तो फोन देखना भी बड़ा मुश्किल था लेकिन आज का जमाना है की हर किसी के हाथ में बड़ा बड़ा लेटेस्ट मोबाइल फोन होता है और उसमे होता है इन्टरनेट. भाई वाह मजा आ गया इस इन्टरनेट के कारन. सभी लोग एक दूसरे से जुड़ गए और जानकारी का पिटारा सभी के लिए खुल गया. लेकिन इन्टरनेट एक दुधारी तलवार के समान है, ठीक से इस्तेमाल किया तो बहुत अच्छा है और नहीं किया तो उतना ही बुरा. इन्टरनेट सबसे ज्यादा खतरनाक है बच्चो के लिए. बच्चे नादान होते है और आज कल के सारे स्कूल के बच्चे इन्टरनेट पे पोर्न मूवीज देखते है, जो उन्हें इन्टरनेट पे आसानीसे मिल जाती है. इसे रोकना होगा वरना आगे बहुत मुश्किलें आएँगी

इन्टरनेट का उपयोग अछे कामो के लिए होना जरुरी है. हर एक माता पिता का कर्तव्य है की जो चीजे बच्चो को उस उम्र में नहीं जाननी चाहिए वह चीजो से उन्हें दूर रखे. 

कार्बन मोनॉक्साइड एक बेहद जहरीला वायु

पिछले भाग में हमने देखा की प्रदुषण की समस्या कैसे शुरू हुई, तथा हमने वायु प्रदुषण के बारे में थोड़ीसी जानकारी ली. आज हम यह पता करने वाले है की वायु प्रदुषण में योगदान देने वाले जहरीले वायु कौनसे है तथा उनका उगम स्थान क्या है.
वायु प्रदुषण में पहला वायु आता है कार्बन मोनॉक्साइड CO, कार्बन मोनॉक्साइड एक बेहद जहरीला वायु है. यह तैयार होता है जब इंधन में ऑक्सीजन की कमी होती है. ऑक्सीजन अगर जरुरत से कम मौजूद हो तो इंधन का कार्बन पूरी तरह जल नहीं पता और कार्बन डाय ऑक्साइड CO2 के बदले कार्बन मोनॉक्साइड तैयार हो जाता है. कार्बन मोनॉक्साइड जब शरीर में साँस के जरिये प्रवेश करता है तब ऑक्सीजन को फेफड़ो से बाहर ढकेलता है और खुद खून में मिल जाता है, इस कारनवश खून में रहे हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन के बजाय कार्बन मोनॉक्साइड को शरीर के कोशिकाओं तक पहुचाते है और ऑक्सीजन के कमी से आदमी मर जाता है.
सबसे पहले तो ऑक्सीजन के कमी के कारन दिमाग काम करना बंद हो जाता है और उसके बाद शरीर हर अवयव रुक जाता है. थोड़े ही देर में मौत हो जाती है. यह इतना जहरीला वायु कही भी तैयार हो सकता है जहा इंधन को जलने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त हवा ना हो. कार्बन मोनॉक्साइड सबसे ज्यादा तैयार होता है घर में बसे चूल्हों में. इसका कारन है चूल्हों की बनावट. भारत में तो घर की महिलाये चूल्हा खुद तैयार करती है, जो की अवैज्ञानिक तरीके से बना होता है. जिस कारन खाना बनाते वक़्त लकडियो को जलने के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती. इसी कारण चूल्हे से बहुत सारा धुँआ निकलता है की जो दरअसल कार्बन मोनॉक्साइड होता है.



थर्मल पॉवर प्लांट से भी काफी भारी मात्रा में कार्बन मोनॉक्साइड हवा में छोड़ा जाता है. इसलिए इंजिनियरस को भट्टी का डिजाईन बनाते वक़्त काफी होशियारी दिखानी पड़ती है की जिससे भट्टी निरंतर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन वाली फ्रेश हवा मिलती रहे. थर्मल पॉवर प्लांट के साथ ही हवाई जहाज भी कार्बन मोनॉक्साइड के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होते है. कार्बन मोनॉक्साइड को कम करने का एक ही सरल उपाय है जो है ऑक्सीजन युक्त हवा की बड़ी तादाद में उपलब्धता.

उम्मीद आप सभी को यह लेख पसंद आया होगा. तो फिर मिलते है अगले लेख में जहा में आप सभीका परिचय अन्य विषैले वायुओ से करूँगा.

हवा प्रदुषण - एक गंभीर बीमारी

औद्योगिक क्रांति के साथ दुनिया भर के तमाम लोंगो और एक अनचाहा तोहफा मिला, और वह था प्रदुषण. जैसे जैसे औद्योगिक क्रांति की लहर दुनियाभर में फ़ैली, प्रदुषण एक कैंसर की कोशिकाओं की तरह पुरे विश्व में फैला. इसमें सबसे ऊपर था हवा प्रदुषण और साथ में था जल प्रदुषण. आज हम बात करेंगे हवा के प्रदुषण के बारे में.


सबसे पहले हवा प्रदुषण हुवा बड़ी बड़ी औद्योगिक भट्टियो के जरिये. लोहे के कारखाने, थर्मल पॉवर प्लांट्स, सीमेंट कारखाने इत्यादि इस हवा को प्रदूषित करने में सबसे आगे थे. उसके बाद कई बार युद्ध हुए जिसमे गोला बारूद का इस्तेमाल हुआ जो की हवा प्रदुषण को और बढ़ावा दे रहा था. फिर फोर्ड ने इंजन पर चलने वाले गाड़ियों की खोज की जिससे मोटर साइकिल और चार पहिये की गाड़िया काफी इस्तेमाल होने लगी. गाड़ियों से होने वाले प्रदुषण पर पहले कोई रोकथाम नहीं थी. लेकिन कुछ वर्षों बाद एक बड़ी ही गड़बड़ हुई. यूरोप में एक दिन अचानक रात में सोये हुए कितने ही लोग सुबह तक नीद में ही मर गए. सब लोग हैरान हुए तब पता चला की “स्मोग” फैलने की वजह से वे लोग साँस नहीं ले पाए थे. ये स्मोग होता है इंजन से निकले हुए धुँआ और हवा में मौजूद बाष्प का मिश्रण. बाद में उस जैसी कई और घटनाएँ दुनिया के अन्य जगहों पर भी घटी, फिर जा के सबने मिलकर एक कायदा बनाया जिस के मुताबिक गाड़ियों में लगने वाले इंजन पर कुछ प्रतिबन्ध लागु हुए. उसे ही हम आज यूरो नोर्म्स के नाम से संबोधित करते है. इन कायदों से वहां से छोड़ें जाने वाले धुंवे की अधिकतम सीमा निर्धारित की गयी. इस का नतीजा यह हुआ की हवा प्रदुषण फिर से अपने सामान्य रूप में आ गया. लेकिन इसके बाद और एक घटना सामने आई. अब जब कायदा बना था तो एक मोटर वाहन से होने वाले प्रदुषण पर तो नियन्त्रण आ गया लेकिन दुनिया भर में मोटर्स की संख्या बड़ी तादाद में बढ़ी जिस वजह से सभी मोटर्स से निकलने वाले प्रदूषित वायु की मात्र बहुत बढ़ गयी. यह एक ऐसी चुनोती थी की जिसका हल आज तक वैज्ञानिक ढूंड रहे है.

आज हम देखते है की हर जगह ट्रैफिक की समस्या है, हर किसी के पास अपनी अपनी मोटर साइकिल है. जिस कारन हवा का प्रदुषण दिन पे दिन बढ़ता ही जा रहा है. हवा प्रदुषण को रोकना अत्यंत ही जरुरी है. हम अब अगले लेख में जानते है की हवा प्रदुषण के क्या परिणाम होते है. उम्मीद है आप सभी वाचको को मेरे दिए गए इस जानकारी का अवश्य फायदा होगा. मिलते है अगली बार, तब तक के लिए धन्यवाद्. 

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