भारत में प्रदुषण की बात एक बहुत ही आम बात है.
भारत में जहा देखो वहा कचरे के ढेर नजर आयेंगे. लोगोमे प्रदुषण के प्रति
जिम्मेदारि का अभाव इसका एक प्रमुख कारण है. सबसे ज्यादा समस्या पानी और हवा
प्रदुषण के बारे में है. लोग घर में जमा कूड़ा कचरा इत्यादि बड़ी आसानीसे जलस्त्रोतो
में फेक देते है. कचरे को नालों में, नदियों में डालनेसे कुछ नुकसान हो सकता है
इसके बारे में कौन सोचता है? अपने घर का कचरा एक बार चला गया तो समजो सब कुछ ठीक
है, फिर चाहे उस कचरे के कारन पानी प्रदूषित ही क्यों न हो.
यही बात है हवा
प्रदुषण की. जो जी में आये उसे जहा चाहे जला देते है भारत के लोग. सबसे ज्यादा
जलाऊ चीज है रबर के टायर और प्लास्टिक के साधन. प्लास्टिक और रबर जलते ही बहुत ही
हानिकारक और विषैले वायु हवा में छोड़ते है. इससे वातावरण बहुत ही प्रदूषित होता
है. लेकिन अक्ल की कमी के कारण तथा ज्यादा अकल के कारण भारत में ये चीजे होती रहती
है. बाकि दुनिया में क्या चल रहा है ये तो भगवान ही जाने. जब तक लोगो के मन में
हमारे प्रकृति के प्रति अपनापन जागरूक नहीं होता तब तक ये सिलसिला यु ही चलता
रहेगा. इन्सान की सोच सब कुछ बदल सकती है, और इस सोच को बदलने के लिए मेहनत करनी
पड़ती है, पढाई करनी पड़ती है, विभिन्न विषयो की किताबे, समाचार, पुस्तिकाए, इत्यादि
साहित्य पढ़ना पड़ता है. तभी जाकर हमारा देश ही नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी स्वच्छ एवं
सुन्दर बनेगी.
No comments:
Post a Comment