भारत के मंदिर


भारत एक अद्भुत एवं खंड प्रदेश बहुत पुरानी जमाने में भारत में राजाओं की राजू थिन राजाओं ने भारत में बहुत सारी मंदिरों का निर्माण किया अब भारत जो कि बहुत विशाल है उसमें तरह-तरह की शैली आप प्रस्तावित भी और इसीलिए भारत में अलग-अलग संस्कृतियां पन्ने बढ़ने लगी इसी कारण भारत के विभिन्न जगहों पर तरह-तरह की शैली आरक्षित हुई अगर आप भारत की सैर करें तो आप को प्रत्येक जगह पर अलग-अलग शैली के मंदिर नजर आएंगे.


इन सभी में सबसे पुराने हैं दक्षिण भारत के मंदिर तथा पूर्वोत्तर मंदिर इन मंदिरों की एक विशेषता है यह मंदिर पूरे पत्थर से बने हुए हैं और काफी विशाल है ज्यादातर मंदिर भगवान शिव के तथा विष्णु जी के शिव जी के मंदिर भारत में हर जगह हर शहर में हर गांव में देखे जा सकते इन सभी मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर हे भगवान केदारनाथ का जो कि हिमालय में स्थित हे हिमालय में ही एक और जगह प्रसिद्ध है और वहां है अमरनाथ मंदिर से सामान आ जाता है कि बाबा अमरनाथ सबसे शक्तिशाली एवं अद्भुत है यह बाबा अमरनाथ जी का पिंड साल में रुचि महीने प्रकट होता है और गर्मियों के बढ़ते ही वह पिंड छोटा होता होता समाप्त हो जाता है भारतवर्ष में बाबा अमरनाथ की यात्रा में कई सारे श्रद्धालु भाग लेते हैं या इलाका बहुत ही दुर्गम और कठिन हे इतना ही नहीं बाबा अमरनाथ की गुफा तक जाने के लिए नेपाल और चीन से जानवर का है इसलिए यह और भी खतरनाक हो जाता है भारत की यह सब प्राचीन मंदिर भारत के संस्कृति का आईना हे.


ये मंदिर बनाने में काफी जादा वक्त और मेहनत लगी है तथा राजाओं के आश्रय से इनको बना नामुनकिन हुआ हे सभी भारतीयों को हमारे इन पांच इन अंधेरों पर गर्व होना चाहिए तथा इनकी देखभाल और दोस्ती अच्छे से होनी चाहिए.

मेरे खून के दुश्मन

इस साल भारत में काफी अच्छी बारिश हुई है. किसान बहोत खुश है. मेरे गाव के आसपास का इलाका तो पूरा हराभरा हुआ है. मेरे घर के आजूबाजू हरियाली ही हरियाली खिली है. सभी इतना बढ़िया चल रहा है लेकिन एक बात मुझे परेशान किये जा रही है और वो है कम्बखत मछर. पानी की उपलब्धता और हरे भरे पेड़ो के कारन आसपास बहुत सारे मछर घूम रहे है और मेरा खून चूस रहे है. भारत के कई इलाको में डेंगू और चिकन गुनिया जैसी बीमारिया फ़ैल रही है. हाय मेरी किस्मत ही ख़राब है. दो मिनट एक जगह बैठा नहीं की आ जाते है मेरे खून के दुश्मन तंग करने. आप भी इनसे बचे रहिये वरना मुसीबत आ सकती है.

        

आश्चर्यकारक एवं अद्भुत जीव

जरा देखिये तो इसे कैसे आराम से जी रहा है. ये है मेरा सबसे पसंदीदा जीव है. इस अनोखे जीव को कहते है “स्लोथ”. स्लोथ एक सस्तन प्राणी है जो की पेड़ो पर विहार करता है. यह बहुत ही कम बार पेड़ से निचे उतरता है. इस की सबसे बड़ी और अनोखी बात है इसके मुड़े हुए नाख़ून. यह जीव उल्टा लटककर पेड़ पर इधर से उधर जाता है. कई सारे स्लोथ तो पेड़ पर उल्टे लटके हुए अवस्था में ही मरे हुए अनेको दिन पेड़ पर रह जाते है. स्लोथ की एक और अनोखी बात है की इसका रंग हरा भूरा होता है. हालाकि इसका यह हरा रंग उसके त्वचा पे पलने वाली शैवाल के कारन होता है. शैवाल ही नहीं बल्कि और भी बहुत सारे छोटे छोटे प्राणी स्लोथ के शरीर पर पाए जाते है. इसकी और एक अनोखी बात है इसकी हलचल, यह बहुत ही सुस्त प्राणी है और एक पेड़ से दुसरे पे जाने के लिए इसे कई दिन लग सकते है. देखा जाये तो इसकी विशेषता की गिनती करना मुश्किल है, इतना सुस्त होते हुए भी स्लोथ एक बहुत ही अच्छा तैराक है, जी हा ये डूबता नहीं तैर कर जाता है, आश्चर्य है ना! इसीलिए तो ये मेरा पसंदीदा प्राणी है.

      

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